प्रान्त प्रमुख आरती आयाम गंगा समग्र राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अवध प्रान्त और ठाकुरगंज क्षेत्र के मल्लाही टोला के पूर्व पार्षद अधिवक्ता अनुराग पाण्डेय जी ने सभी को आमंत्रण देते हुए कहा कि, 20 मार्च को कल्याणगिरी मंदिर में शाम की आरती के बाद 8:30 बजे फूलों की होली खेली जाएगी. मंदिर स्थल पर 20 मार्च के दिन पूरे श्रद्धा व आस्था के साथ उपस्थित होकर सभी लोग इस होली महोत्सव का संपूर्ण आनंद ले.
बताते चले कि होली आते ही फिजा में एक अलग ही खुमारी छा जाती है. मन के अंदर लाल-पीले, नीले रंगों की तरंग उठने लगती है. फूलवाली होली के दौरान, भक्त फूलों और फूलों की प्राकृतिक डाई से बने रंगों के साथ त्यौहार खेलते हैं. हर मंदिरों में होली के अवसर पर भक्तों का सैलाब एकत्रित होता हैं, जहां मंदिरों में एक पुजारी भक्तों पर रंग-बिरंगे फूलों की वर्षा करता है. यह एक बहुत ही लोकप्रिय उत्सव है जिसमें आगंतुकों की भारी भीड़ उमड़ती है.
गौरतलब है कि ‘रंगों के त्यौहार’ के तौर पर मशहूर होली का त्योहार फाल्गुन महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. तेज संगीत और ढोल के बीच एक दूसरे पर रंग और पानी फेंका जाता है. भारत के अन्य त्यौहारों की तरह होली भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. होली वसंत का त्यौहार है और इसके आने पर सर्दियां खत्म होती हैं. कुछ हिस्सों में इस त्यौहार का संबंध वसंत की फसल पकने से भी है. किसान अच्छी फसल पैदा होने की खुशी में होली मनाते हैं. होली को ‘वसंत महोत्सव’ या ‘काम महोत्सव’ भी कहते हैं.