बताते चलें कि 17 वर्षो से चली आ रही भागवत कथा का आयोजन इस वर्ष भी अरविंद महाराज ने प्रथम दिवस पर ज्ञान, वैराग्य, भक्ति जैसे विषयों पर प्रकाश डालते हुए गोकर्ण उपाख्यान की चर्चा करते हुए किया। वहीं अनुराग पांडेय ने बताया कि जन्मोत्सव पर आठ दिवसीय कथा का आयोजन, भारतीय ब्राह्मण महासभा द्वारा किया जा रहा है. इस दौरान, भारतीय ब्राह्मण महासभा ने उन्हें फ़ूल माला पहनाते हुए, अंगवस्त्र देकर सम्मनित किया.
पौरणिक मान्यता के अनुसार, सनातन धर्म के 18 पवित्र पुराण हैं, जिनमें एक भागवत् पुराण भी है. इसे श्रीमद्भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं. यह जगत के पालक श्रीविष्णुजी के धरती पर लिए गए 24 अवतारों के साथ उस दौरान उनके जीवन की कथा का भावपूर्ण वर्णन है. 12 खंडों के इस ग्रंथ में 335 अध्याय तथा 18 हजार श्लोक हैं. इसके 10वें अध्याय में श्रीकृष्ण का जीवन सार कुछ इस प्रकार वर्णित है कि यह समस्त प्राणियों के लिए सांसारिक जीवन जीते हुए ज्ञान तथा मुक्ति का मार्ग दिखाता है.
कथा के दौरान, अनुराग पाण्डेय जी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है.तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है. भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए. इसके अलावा रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है. वहीं वे हरि भक्तों से निवेदन करते हुए कहते है कि सभी भक्तगण अपने पूरे परिवार, मित्रो एवं पड़ोसियों के साथ आकर कथा श्रवण कर पुण्य के भागीदार बने. इस मौके पर अनुराग पाण्डेय के साथ भारतीय ब्राह्मण महासभा के सदस्य एवं अन्य भक्तजनों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया.