मंगल मूरति, मारुति नंदन सकल अमंगल मूल निकंदन.
पवन तनय, संतन हितकारी हृदय विराजत अवध बिहारी..
ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल के शुभ अवसर पर विभिन्न स्थानों पर आयोजित भंडारों में प्रसाद ग्रहण करने व वितरण करने का अवसर प्राप्त हुआ ज्येष्ठ जनों का आशीर्वाद मिला मित्रों का सानिध्य अनुजों का प्रेम प्राप्त हुआ.
बताते चले कि बड़ा मंगल मनाने की परंपरा के पीछे एक ऐतिहासिक कथा जुड़ी है, जो लखनऊ से संबंधित है. कहा जाता है कि अवध के नवाब वाजिद अली शाह का बेटा लंबे समय से बीमार था. तमाम इलाज करवाने के बाद भी जब सुधार नहीं हुआ, तो किसी ने नवाब और उनकी बेगम को अलीगंज स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में मंगलवार को दुआ मांगने की सलाह दी. नवाब दंपति ने इस पर विश्वास कर हनुमान जी से प्रार्थना की. कुछ ही समय में उनके बेटे की तबीयत में सुधार आने लगा. इस चमत्कार से प्रभावित होकर नवाब ने अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़े भंडारे का आयोजन करवाया. तभी से लखनऊ में बड़े मंगल को विशेष भक्ति और सेवा के साथ मनाया जाता है.
जय श्री राम
बाबा की कृपा सभी पर बनी रहे.
श्री हनुमान जी महाराज की जय.