कथा के चतुर्थ दिवस मंच पर भगवान श्रीकृष्ण जन्म एवं पूतनावध का सुंदर प्रदर्शन हुआ। लखनऊ भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी पर्व के पावन अवसर पर श्री कल्याणगिरि मंदिर में चल रही श्रीकृष्ण लीला के अंतर्गत आज कथा के चतुर्थ दिवस भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का अद्भुत मंचन किया गया।
मंच पर जैसे ही श्रीकृष्ण जन्म की झाँकी प्रस्तुत हुई, संपूर्ण पंडाल आनंद और उल्लास से भर उठा। भक्तों ने बड़े उत्साह से “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के जयकारों का घोष किया। वातावरण में भक्ति, संगीत और नृत्य का ऐसा संगम हुआ कि प्रत्येक श्रद्धालु भावविभोर हो उठा।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उपरांत कलाकारों द्वारा पूतनावध की लीला का सजीव और अत्यंत आकर्षक मंचन किया गया। पूतना राक्षसी का प्रवेश होते ही मंच का दृश्य रोचक बन गया और जब बालकृष्ण ने अपने दिव्य तेज से पूतना का वध किया, तब पूरा पंडाल “जय श्रीकृष्ण” के उद्घोष से गूँज उठा। इस प्रसंग को देखकर उपस्थित भक्तगण आत्मविभोर हो गए और अनेक श्रद्धालु भक्ति भाव से झूम उठे।
इस अवसर पर हजारों की संख्या में भक्तजनों ने कार्यक्रम में भाग लिया। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित हर वर्ग के श्रद्धालु भगवान की इस लीला का दर्शन कर कृतार्थ हुए। आयोजन स्थल को रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा और फूलों से सजाया गया था, जिससे वातावरण और भी मनमोहक प्रतीत हो रहा था। कार्यक्रम के अंत में महंत श्री महावीरगिरि जी महाराज ने सभी भक्तों को जन्माष्टमी की मंगलकामनाएँ दीं और धर्म, सत्य तथा भक्ति के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।