वैसे तो नवाबों का शहर लखनऊ अपनी तहजीब के साथ-साथ गंगा-जमुनी संस्कृति के लिए देश भर में मशहूर है. लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि प्राचीनकाल में शुरू की गई एक परम्परा आज भी शहर की शोभा बढ़ा रही है. वह है ठाकुरगंज में स्थित श्री हनुमान जी मंदिर का ऐतिहासिक होली मेला.
इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए, मंदिर में शाम 10:00 बजे की दिव्य आरती के बाद होली के भव्य प्राचीन मेले का मंदिर मेला समिति द्वारा आयोजन हुआ, जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में ठाकुरगंज के पूर्व पार्षद एवं भाजपा नेता, अधिवक्ता अनुराग पांडेय शामिल हुए. मेले की सबसे बड़ी बात यह है कि यहां लोग आते रहे और कारवां बनता गया. ठाकुरगंज के श्री हनुमान मंदिर का अपना अलग इतिहास रहा है. यहां की ठंडाई, रेवडी दूर-दराज तक मशहूर है. लेकिन यहां होली के दिन लगने वाले ऐतिहासिक होली मेले में गंगा-जमुनी तहजीब आज भी नजर आती है. स्थानीय निवासी अनुराग पांडेय जी बताते हैं कि यह मेला ढेर सारी ऐतिहासिक यादें समेटे हुए है. इसके शुरू करने का उद्देश्य सभी धर्मों के लोगों में भाईचारा बढ़ाना है.
बताते चले कि मंदिर की दिव्य आरती का शुभारंभ अधिवक्ता अनुराग पांडेय के द्वारा किया गया. उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालु इस दिव्य आरती में सम्मिलित होकर दरबार की शोभा बढ़ा सकते है. मंदिर की मान्यता की बात करे तो हनुमान मंदिर लोगों के लिए बहुत ही खास अहमियत रखता है क्योंकि यह गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है. जहां पर पूरे लखनऊ के लोग दर्शन करने के लिए आते हैं क्योंकि यहां पर जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ दर्शन करें, उसके कष्ट बहुत जल्द दूर हो जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान के दरबार में पर्ची लिखकर पेटी में डालने से जल्द ही भक्तो की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.
गौरतलब है कि कि इस मेले में शुरू से ही होली मिलन का दौर चलता आ रहा है. यही नहीं, मेले में घूमने आने वालों को गुलाल और इत्र छिड़क कर होली मिलन का सिलसिला आज भी जारी है. जिसकी खासियत यह भी रही है कि यहां कई तरह के क्रियाकलाप देखने को मिले, जिसमे दुकानदार, व्यवसायियों एवं आम समग्र जनता समुदाय ने भी अपना योगदान दिया.