आपने मेरे ऊपर विश्वास किया और 10 वर्षों तक अपनी सेवा का अवसर दिया। जब मुझे आपने इस क्षेत्र की बागडोर सौंपी थी, तब इस वार्ड की हालत बहुत खराब थी। पूरे क्षेत्र में कोई एक भी सड़क ठीक नही थी चाहे वो घासमंडी, शहीद चंद्र शेखर आज़ाद मार्ग, नगरिया, जनरैल गंज, मल्लाहीटोला, राधाग्राम, मिश्रीबाग हो या बर्फखाना सभी मोहल्ले खस्ताहाल थे। पानी की सप्लाई भी नही थी, बिजली की व्यवस्था चरमराई हुई थी, स्वास्थ्य सेवा के नाम पर ठाकुरगंज में कुछ नही था। यहां तक कि बिजली का बिल भी जमा करने चौक ही जाना पड़ता था। लगभग सभी मार्ग प्रकाश बिंदु बंद पड़े थे, पार्कों की हालत खराब थी, बाउंड्री तक नही थी। मुसाहबगंज की पानी की टंकी बंद बीमार पड़ी थी।
आपके द्वारा मुझे ताकत दी गयी। सभी बिंदुओं पर काम करते हुए आपके सहयोग से सड़क निर्माण, नाला निर्माण, पानी की टंकी के सुधार को करते हुए 10 किलोमीटर तक पानी की लाइन डलवाते हुए सभी घरों में जल संयोजन करवाया। हज़ारों विद्युत संयोजन करते हुए 25 ट्रांसफार्मर रखवाए व एक विद्युत सब स्टेशन का निर्माण करवाया। विद्युत बिल जमा करने के लिए ठाकुरगंज में बिलिंग सेंटर बनवाया। 60 से अधिक सबमर्सिबल लगवाए, सभी प्रकाश बिंदुओं को प्रकाशित करवाया। एक 100 बेड का अस्पताल राजकीय सह संयुक्त चिकित्सालय ठाकुरगंज का निर्माण करवाया, जिससे हज़ारों लोग लाभान्वित हो रहे है।
क्षेत्र की प्रगति के बारे में सभी अवगत हैं। कोरोना काल की सेवा हो या आपका कोई भी सुख दुख, हर समय मैं और मेरा परिवार आपके साथ रहा। जिसका परिणाम रहा कि इस चुनाव में भी आपका बहुत महत्वपूर्ण सहयोग मुझे प्राप्त हुआ। आपका अपूरणीय प्यार मिला, संघर्ष की प्रेरणा मिली। आपके इस प्यार का ऋणी हूँ। पर अभी असफलता ही है मेरे पास आपको देने के लिये, मेरे पास शब्दों के अलावा कोई भी विकल्प नहीं है।
जैसा कि आपको पता है भाजपा के निचली पंक्ति के नेताओ के द्वारा साज़िश कर मेरा नाम तक ऊपर नहीं भेजा गया, जिसके परिणाम स्वरूप मुझे टिकट नहीं मिला। जिस कारण से मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा। फिर भी मुझे आपका महत्वपूर्ण सहयोग मिला। मल्लाहीटोला वार्ड को आदर्श वार्ड बनाने का मेरे सपना अभी अधूरा ही है, आपने मुझे प्रत्याशी न मानकर काम को प्रत्याशी माना। जो लोग मेरा विरोध कर रहे थे, उनके दरवाजे पर पिछले 10 वर्षों से झाड़ू सफाई की, व्यवस्था से लेकर नगर निगम से संबंधित सभी सुविधाएं सबसे पहले पहुंचाने का काम मेरे द्वारा किया गया। किसी भी व्यक्ति की एक कॉल पर मैं उपलब्ध रहा। उसी प्रकार से आपने भी मुझे पूर्ण समर्थन दिया, मुझे अपने बेटे भाई की तरह माना।
साथ ही आपने मुझे अधिकार दिया कि आपके घर में बिना खटखटाये मैं प्रवेश कर सकता हूं। साथ ही आप भी मुझे सीधे संवाद कर कोई भी काम कह सकते हैं। जैसे अपने बेटे भाई से कहते हैं, मुझे आपके परिवार का अंग होने पर गर्व है। इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि पार्टी ने मेरे ऊपर विश्वास नही किया। टिकट नही दिया, पर आपने मुझे भरपूर समर्थन दिया। एक निर्दलीय प्रत्याशी को 2800 वोट मिले, जबकि आसपास सभी सीटें भाजपा लंबे अंतर से जीती। ऐसे में अपने वार्ड से जीत का अंतर मामूली रहा।
आपका भरपूर प्यार मिला, अपने परिवार के सदस्य की तरह आपने चुनाव लड़ाया मुझे हार का सामना करना पड़ा। मुझे पता है कि यह मेरी हार नही बल्कि जिन 2800 मतदाताओं ने मेरे ऊपर विश्वास जताया यह उनकी हार है। पर हमें निराश नही होना है, नई शुरुआत करनी है। राजनीति की दिशा कोई और नही तय करेगा, हम और आप मिलकर तय करेंगे। आपसे संवाद करके नई योजना बनाई जाएगी।
फिलहाल मैं अपने से बड़ों का अभिवादन करता हुआ, छोटों को बहुत सा प्यार देता हुआ आपका सादर आभार व्यक्त करता हूँ। आप अपना स्नेह ऐसे ही बनाए रखियेगा। अपने परिवार के इस बेटे को हमेशा अपने निकट रखिएगा। मैं विश्वास दिलाता हूं, जिस भी लायक होऊंगा सब कुछ आपके लिए समर्पित कर आपके लिए खड़ा रहूंगा।
सादर
आपका
एडवोकेट अनुराग पाण्डेय